हरिद्वार के जमालपुर क्षेत्र में रात अचानक हाथी आ धमका। लोगों ने जैसे ही हाथी को क्षेत्र की ओर आते देखा तो हड़कंप मच गया। हाथी को देख ग्रामीण वीडियो बनाने लगे। हालांकि कुछ देर बाद हाथी जंगल की ओर निकल गया।
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पाक के गुरुद्वारों की यात्रा पर नहीं जाएगा जत्था
महाराजा रंजीत सिंह की बरसी समागम पर दून से हर साल पाकिस्तान के गुरुद्वारों की यात्रा के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं का जत्था जाता है। श्रद्धालु पाकिस्तान में गुरुद्वारा पंजा साहिब, गुरुद्वारा करतारपुर साहिब, गुरुद्वारा डेरा साहिब (लाहौर), गुरुद्वारा सच्चा सौदा, गुरुद्वारा रोड़ी साहिब आदि के दर्शन करते हैं।
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बदरीनाथ हाईवे पर लंगासू के पास दो वाहनों की हुई टक्कर
बदरीनाथ हाईवे पर लंगासू के पास बैडाणु में दो वाहनों की टक्कर हो गई। इस हादसे में सात गंभीर घायलों को कर्णप्रयाग अस्पताल भेजा गया।
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केदारनाथ धाम में आधुनिक चिकित्सा सुविधा मिलेगी
चारधाम यात्रा में आने वाले तीर्थ यात्रियों की सेहत का विशेष ख्याल रखा जाएगा। इसके लिए चारधाम के अलावा यात्रा मार्गों पर चिकित्सा सुविधाओं का रोडमैप तैयार कर स्वास्थ्य विभाग तैयारियों में जुट गया है। पहली बार केदारधाम में 17 बेड का अस्पताल संचालित होगा। जिसमें तीर्थ यात्रियों को आधुनिक चिकित्सा सुविधा मिलेगी।
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महंगे दाम पर बिकने वाले बैंबू साल्ट के व्यवसायिक उत्पादन की तैयारी
उत्तराखंड बांस एवं रेशा विकास परिषद बाजार में काफी महंगे दाम पर बिकने वाले बैंबू साल्ट के व्यवसायिक उत्पादन की तैयारी कर रहा है। परिषद ने बैंबू को प्रोसेस कर बैंबू साल्ट बनाया था, उसमें खनिज तत्वों की जानकारी के लिए एफआरआई और एक निजी संस्थान में भेजा था, उसमें से निजी संस्थान की रिपोर्ट आ गई है। इस रिपोर्ट में बैंबू साल्ट में कई गुना खनिज तत्व मिलने की बात सामने आई है। बैंबू साल्ट को कोरियन साल्ट भी कहा जाता है। अब उत्तराखंड बांस एवं रेशा विकास परिषद ने बैंबू साल्ट को तैयार करने के साथ बेचने की योजना पर काम शुरू किया है।
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दून में डेंगू के छह और मरीज मिले
जिलेभर में सोमवार को डेंगू के छह नए मरीज मिले हैं। इसमें से दो मरीजों को श्रीमहंत इंदिरेश अस्पताल और चार को ऋषिकेश एम्स में भर्ती किया गया है। जिले में मरीजों की संख्या बढ़कर 29 हो गई है।जिले में डेंगू के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। अप्रैल में अब तक डेंगू के 29 मामले सामने आ चुके हैं। 21 अप्रैल को भी छह मरीजों डेंगू वायरस की पुष्टि हुई। इसमें एक मरीज देहरादून के पुराना डालनवाला क्षेत्र का रहने वाला है। जबकि, अन्य मरीज दूसरे प्रदेश के निवासी हैं। अब तक सामने आए डेंगू के मरीजों में से 14 अभी भी अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती हैं। सीएमओ डॉ. मनोज कुमार शर्मा ने बताया कि डेंगू की रोकथाम के लिए विभाग एकजुट होकर काम कर रहा है।
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बदरी-केदार धाम के लिए मई के ऑनलाइन पंजीकरण स्लॉट फुल
चारधाम यात्रा में केदारनाथ व बदरीनाथ धाम के लिए मई माह में ऑनलाइन पंजीकरण के स्लॉट फुल हो गए हैं। जबकि गंगोत्री व यमुनोत्री धाम की यात्रा के लिए पंजीकरण उपलब्ध हैं। इस बार ऑनलाइन से आधार आधारित 60 प्रतिशत पंजीकरण किए जा रहे हैं। लेकिन स्लॉट उपलब्ध न होने से प्रदेश सरकार ने ऑनलाइन पंजीकरण में 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी की है। जिन तीर्थयात्रियों को मई में ऑनलाइन पंजीकरण उपलब्ध नहीं हो रहे हैं, उनके पास ऑफलाइन पंजीकरण का विकल्प है। इसके लिए 28 अप्रैल को सुबह सात बजे से पंजीकरण काउंटर खुलेंगे।
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बिजली की मांग पांच करोड़ यूनिट के करीब पहुंची, हरिद्वार-ऊधमसिंह नगर में होने लगी कटौती
गर्मी ने जैसे ही तेवर दिखाने शुरू किए हैं, वैसे ही यूपीसीएल के लिए मांग की चुनौती भी बढ़ने लगी है। सोमवार को प्रदेश में बिजली की मांग 4.8 करोड़ यूनिट के करीब पहुंच गई, जिसके सापेक्ष उपलब्धता 4.6 करोड़ यूनिट की थी। सीधे तौर पर करीब 20 लाख यूनिट बिजली की कमी हुई। इस कारण हरिद्वार के ग्रामीण क्षेत्रों में तीन घंटे पांच मिनट, ऊधमसिंह नगर के ग्रामीण क्षेत्रों में दो घंटे 45 मिनट की बिजली कटौती हुई।
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बदरीनाथ में तीर्थयात्रियों को जाम से मिलेगी राहत
चारधाम यात्रा के दौरान इस वर्ष बदरीनाथ धाम में इको पर्यटक शुल्क फास्टैग से लिया जाएगा। इस व्यवस्था से धाम में जाम से मुक्ति मिल जाएगी। नगर पंचायत बदरीनाथ इसकी व्यवस्था करने में जुटा हुआ है। बदरीनाथ धाम में यात्रा के दौरान 1000 से अधिक छोटे-बड़े वाहन पहुंचते हैं। नगर पंचायत की ओर से बदरीनाथ के शुरुआत में स्थित देवदर्शनी नामक स्थान पर यात्रा वाहनाें से इको पर्यटक शुल्क लिया जाता है। अभी तक नगर पंचायत के कर्मचारी क्यूआर कोड और कैस के माध्यम से शुल्क लेते थे। इसमें समय लग जाता है, जिससे वाहनों का जाम लग जाता है। जब वाहनों की आवाजाही अधिक हो जाती है तो जाम को खुलवाने में पुलिस के पसीने छूट जाते हैं। इस व्यवस्था को बदलने के लिए नगर पंचायत फास्टैग से शुल्क वसूलने की योजना बना रहा है।
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Uttarakhand : रोडवेज बसों के हादसे रोकने की परिवहन विभाग की है ये तैयारी
हर साल होने वाले हादसों के हिसाब से श्रेणीकरण किया जाएगा। शून्य हादसे वाले ड्राइवर-कंडक्टरों को अलग से प्रोत्साहन दिया जाएगा। इसी प्रकार, रोडवेज बसों के लिए इंजन और बैटरी की भी बड़ी चुनौती है। हर फेरे के बाद रोडवेज बस की जांच होती है। फिर वह दोबारा संचालन में आती है। परिवहन निगम प्रबंधन का फोकस इस बात पर है कि बसों का संचालन ऐसे हो, जिससे इंजन सुरक्षित रहें।
इंजन को बचाने के लिए तकनीकी विशेषज्ञ रिपोर्ट देंगे। इसी प्रकार, बैटरी की लाइफ के हिसाब से मूल्यांकन किया जाएगा। हालांकि अभी परिवहन निगम ने ये स्पष्ट नहीं किया कि प्रोत्साहन के रूप में कितनी राशि या क्या पुरस्कार दिया जाएगा।