टनकपुर के मुख्य एवं दर्शनीय पर्यटन स्थल।

टनकपुर, उत्तराखंड के चंपावत जिले में स्थित एक महत्वपूर्ण सीमावर्ती शहर है। यह शारदा नदी के किनारे बसा हुआ है और नेपाल सीमा के पास स्थित होने के कारण इसका व्यापारिक और रणनीतिक महत्व है। टनकपुर के मुख्य एवं दर्शनीय पर्यटन स्थल निम्नलिखित हैं:

पूर्णागिरि मंदिर: टनकपुर से लगभग 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित पूर्णागिरि मंदिर एक प्रसिद्ध शक्तिपीठ है। यह मंदिर एक ऊँची पहाड़ी पर स्थित है और यहाँ पहुँचने के लिए ट्रेकिंग करनी पड़ती है। चैत्र नवरात्रि के दौरान यहाँ भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है। यहाँ से हिमालय के सुंदर दृश्य भी दिखाई देते हैं।
बालेश्वर मंदिर: टनकपुर के पास चंपावत में स्थित बालेश्वर मंदिर एक प्राचीन और ऐतिहासिक मंदिर है। यह मंदिर चंद राजवंश की कला और वास्तुकला का अद्भुत उदाहरण है।
नंधौर वन्यजीव अभयारण्य: टनकपुर के पास स्थित नंधौर वन्यजीव अभयारण्य विभिन्न प्रकार के वन्यजीवों और वनस्पतियों का घर है। प्रकृति और वन्यजीव प्रेमियों के लिए यह एक आकर्षक स्थान है। यहाँ बाघ, हाथी, हिरण और विभिन्न प्रकार की पक्षियाँ देखी जा सकती हैं।
शारदा नदी: टनकपुर शारदा नदी के किनारे बसा हुआ है। नदी का किनारा शांत और सुंदर होता है और यहाँ टहलना एक सुखद अनुभव हो सकता है।
नेपाल सीमा: टनकपुर नेपाल की सीमा के पास स्थित है। हालाँकि सीमा पार करने के लिए आवश्यक अनुमति की आवश्यकता होती है, लेकिन सीमावर्ती क्षेत्र की संस्कृति और व्यापारिक गतिविधियों को देखना एक अलग अनुभव हो सकता है।
स्थानीय बाजार: टनकपुर का स्थानीय बाजार पारंपरिक कुमाऊँनी उत्पाद और स्थानीय वस्तुओं के लिए जाना जाता है। यहाँ खरीदारी करना और स्थानीय संस्कृति को जानना एक अच्छा अनुभव है।
पंचेश्वर बांध (प्रस्तावित): टनकपुर के पास भारत और नेपाल की संयुक्त परियोजना पंचेश्वर बांध प्रस्तावित है। भविष्य में यह क्षेत्र एक महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल के रूप में विकसित हो सकता है।
टनकपुर मुख्य रूप से पूर्णागिरि मंदिर के लिए जाना जाता है, लेकिन इसके आसपास प्राकृतिक सुंदरता और वन्यजीव अभयारण्य भी हैं जो पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। यह एक महत्वपूर्ण सीमावर्ती शहर है जिसका अपना ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व है।

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