रुद्रप्रयाग के मुख्य एवं दर्शनीय पर्यटन स्थल।

रुद्रप्रयाग, उत्तराखंड में अलकनंदा और मंदाकिनी नदियों के पवित्र संगम पर स्थित एक महत्वपूर्ण शहर है। यह चार धाम यात्रा के मार्ग पर एक प्रमुख पड़ाव है और इसका धार्मिक एवं प्राकृतिक महत्व बहुत अधिक है। रुद्रप्रयाग के मुख्य एवं दर्शनीय पर्यटन स्थल निम्नलिखित हैं:

अलकनंदा और मंदाकिनी का संगम: रुद्रप्रयाग का सबसे महत्वपूर्ण आकर्षण इन दो पवित्र नदियों का संगम है। इस संगम स्थल का आध्यात्मिक महत्व है और यहाँ स्नान करना शुभ माना जाता है। संगम के आसपास का वातावरण शांत और पवित्र होता है।
रुद्रनाथ मंदिर: संगम के पास ही भगवान शिव का एक प्राचीन मंदिर स्थित है, जिसे रुद्रनाथ मंदिर के नाम से जाना जाता है। यह मंदिर इस स्थान के धार्मिक महत्व को बढ़ाता है।
अगस्त्यमुनि: रुद्रप्रयाग से लगभग 18 किलोमीटर की दूरी पर मंदाकिनी नदी के तट पर अगस्त्यमुनि का पवित्र स्थान स्थित है। यहाँ प्राचीन अगस्त्य ऋषि का मंदिर है और यह अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए भी जाना जाता है।
केदारनाथ: रुद्रप्रयाग के पास ही प्रसिद्ध केदारनाथ धाम स्थित है, जो बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है। हालाँकि केदारनाथ तक सीधी सड़क कनेक्टिविटी रुद्रप्रयाग से नहीं है, लेकिन यह यात्रा का एक महत्वपूर्ण पड़ाव है।
त्रियुगीनारायण मंदिर: रुद्रप्रयाग से कुछ दूरी पर स्थित त्रियुगीनारायण मंदिर को भगवान शिव और पार्वती के विवाह स्थल के रूप में जाना जाता है। यह एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है और इसकी पौराणिक कथाएँ इसे विशेष बनाती हैं।
ऊखीमठ: रुद्रप्रयाग जिले में स्थित ऊखीमठ शीतकाल में केदारनाथ और मदमहेश्वर के देवताओं की पूजा का केंद्र होता है। यहाँ कई प्राचीन मंदिर और सुंदर दृश्य देखने को मिलते हैं।
चोपता और तुंगनाथ: रुद्रप्रयाग के पास ही खूबसूरत हिल स्टेशन चोपता और विश्व का सबसे ऊँचा शिव मंदिर तुंगनाथ स्थित हैं। यहाँ ट्रेकिंग और प्राकृतिक सुंदरता का आनंद लेने के लिए पर्यटक आते हैं।
देवरिया ताल: रुद्रप्रयाग के पास स्थित देवरिया ताल एक खूबसूरत झील है जहाँ से बर्फ से ढकी हिमालय की चोटियों का शानदार दृश्य दिखाई देता है। यहाँ ट्रेकिंग करके पहुँचा जा सकता है।
रुद्रप्रयाग एक महत्वपूर्ण धार्मिक केंद्र होने के साथ-साथ अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए भी जाना जाता है। दो पवित्र नदियों का संगम और आसपास के हिमालय के दृश्य इसे एक शांत और आध्यात्मिक पर्यटन स्थल बनाते हैं। यह चार धाम यात्रा करने वाले श्रद्धालुओं के लिए एक महत्वपूर्ण पड़ाव है।

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