देवप्रयाग के मुख्य एवं दर्शनीय पर्यटन स्थल।

देवप्रयाग, उत्तराखंड के टिहरी गढ़वाल जिले में स्थित एक अत्यंत महत्वपूर्ण और पवित्र शहर है। यह वह स्थान है जहाँ भागीरथी और अलकनंदा नदियों का संगम होता है और यहीं से यह पवित्र नदी गंगा के नाम से जानी जाती है। देवप्रयाग के मुख्य एवं दर्शनीय पर्यटन स्थल निम्नलिखित हैं:

भागीरथी और अलकनंदा का संगम (संगम): देवप्रयाग का सबसे महत्वपूर्ण आकर्षण इन दो पवित्र नदियों का अद्भुत संगम है। यहाँ दोनों नदियों का रंग अलग-अलग दिखाई देता है और इनका मिलना एक दिव्य दृश्य प्रस्तुत करता है। इस संगम स्थल का हिंदू धर्म में बहुत अधिक महत्व है।
रघुनाथजी मंदिर: संगम के ठीक ऊपर भगवान राम का एक प्राचीन और महत्वपूर्ण मंदिर स्थित है, जिसे रघुनाथजी मंदिर के नाम से जाना जाता है। माना जाता है कि यह मंदिर त्रेता युग का है और इसकी वास्तुकला दर्शनीय है। यह देवप्रयाग का प्रमुख धार्मिक स्थल है।
चंद्रबदनी मंदिर: देवप्रयाग से लगभग 22 किलोमीटर की दूरी पर एक पहाड़ी पर माता सती को समर्पित चंद्रबदनी मंदिर स्थित है। यहाँ से हिमालय के शानदार दृश्य दिखाई देते हैं और यह एक शांत आध्यात्मिक स्थल है।
दशरथ पर्वत: देवप्रयाग के पास स्थित यह पर्वत भगवान राम के पिता राजा दशरथ के नाम पर है। इसकी प्राकृतिक सुंदरता और शांत वातावरण पर्यटकों को आकर्षित करता है।
शंकर मठ: देवप्रयाग में आदि शंकराचार्य द्वारा स्थापित किए गए मठों में से एक शंकर मठ भी स्थित है। यह मठ धार्मिक शिक्षा और अध्ययन का केंद्र है।
कोटेश्वर महादेव मंदिर: देवप्रयाग के पास एक गुफा में स्थित यह भगवान शिव का मंदिर है। शांत वातावरण और प्राकृतिक गुफा इसे एक विशेष आध्यात्मिक अनुभव प्रदान करते हैं।
विभिन्न घाट: संगम के आसपास कई घाट बने हुए हैं जहाँ श्रद्धालु स्नान करते हैं और धार्मिक अनुष्ठान करते हैं। इन घाटों पर हमेशा चहल-पहल बनी रहती है।
देवप्रयाग न केवल एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है बल्कि अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए भी जाना जाता है। दो शक्तिशाली नदियों का संगम और आसपास के हरे-भरे पहाड़ इसे एक मनमोहक स्थान बनाते हैं। यह उन लोगों के लिए एक अवश्य देखने योग्य स्थान है जो आध्यात्मिकता और प्रकृति के संगम का अनुभव करना चाहते हैं।

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