चम्पावत के मुख्य एवं दर्शनीय पर्यटन स्थल।

चम्पावत, उत्तराखंड राज्य का एक ऐतिहासिक और शांत जिला मुख्यालय है। यह अपनी प्राकृतिक सुंदरता और प्राचीन मंदिरों के लिए जाना जाता है। चम्पावत के मुख्य एवं दर्शनीय पर्यटन स्थल निम्नलिखित हैं:

बालेश्वर मंदिर: चम्पावत का सबसे प्रसिद्ध स्थल बालेश्वर मंदिर है। यह 9वीं शताब्दी का एक प्राचीन मंदिर है जो भगवान शिव को समर्पित है। मंदिर की जटिल पत्थर की नक्काशी और वास्तुकला देखने लायक है। यह चंद राजवंश के शासनकाल का एक महत्वपूर्ण स्मारक है।
नागनाथ मंदिर: बालेश्वर मंदिर के पास स्थित यह मंदिर भी भगवान शिव को समर्पित है और इसका भी ऐतिहासिक महत्व है। इसकी वास्तुकला में स्थानीय शैली की झलक मिलती है।
क्रांतेश्वर महादेव मंदिर: चम्पावत से लगभग 6 किलोमीटर की दूरी पर एक पहाड़ी पर स्थित क्रांतेश्वर महादेव मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। यहाँ से चम्पावत घाटी और आसपास के हिमालय के शानदार दृश्य दिखाई देते हैं। यह ट्रेकिंग के लिए भी एक लोकप्रिय स्थान है।
मायावती आश्रम: चम्पावत से लगभग 9 किलोमीटर की दूरी पर स्थित मायावती आश्रम रामकृष्ण मिशन द्वारा संचालित एक शांत आध्यात्मिक केंद्र है। स्वामी विवेकानंद ने यहाँ कुछ समय बिताया था। आश्रम का शांत वातावरण और प्राकृतिक सौंदर्य पर्यटकों को आकर्षित करता है।
अब्बॉट माउंट: चम्पावत से लगभग 8 किलोमीटर की दूरी पर स्थित अब्बॉट माउंट एक खूबसूरत हिल स्टेशन है। यहाँ औपनिवेशिक बंगले और शांत वातावरण है। यह ट्रेकिंग और प्रकृति की शांति का आनंद लेने के लिए एक अच्छी जगह है।
श्यामलाताल: चम्पावत से लगभग 56 किलोमीटर की दूरी पर स्थित श्यामलाताल एक सुंदर झील है। यह शांत और सुरम्य स्थान योग और ध्यान के लिए भी जाना जाता है। यहाँ स्वामी विवेकानंद का एक आश्रम भी है।
पूर्णागिरि मंदिर: चम्पावत जिले में ही स्थित पूर्णागिरि मंदिर एक प्रसिद्ध शक्तिपीठ है। हालाँकि यह टनकपुर के पास अधिक निकट है, लेकिन चम्पावत से भी यहाँ आसानी से पहुँचा जा सकता है। यह मंदिर एक ऊँची पहाड़ी पर स्थित है और यहाँ साल भर भक्तों का तांता लगा रहता है।
लोहाघाट: चम्पावत से लगभग 62 किलोमीटर की दूरी पर लोहाघाट एक ऐतिहासिक शहर है जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता और धार्मिक महत्व के लिए जाना जाता है। यहाँ मायावती आश्रम और एबट माउंट भी पास में ही स्थित हैं।
चम्पावत उन लोगों के लिए एक शांत और ऐतिहासिक पर्यटन स्थल है जो प्राचीन मंदिरों, प्राकृतिक सुंदरता और आध्यात्मिक शांति की तलाश में हैं। यह उत्तराखंड के शांत कोनों में से एक है जो शहरी भीड़भाड़ से दूर सुकून प्रदान करता है।

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