विकासनगर। पछवादून गढ़वाल सभा की दिनकर विहार स्थित सभा भवन में एक बैठक आयोजित की गई। बैठक में आगामी कार्यक्रमों को लेकर चर्चा हुई और वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत की गई। गढ़वाल सभा की सचिव सुमन मोहन ममगाईं ने सदस्यों के सामने वार्षिक रिपोर्ट रखी। कोषाध्यक्ष त्रिलोक सिंह रावत ने सभा का वार्षिक लेखा-जोखा प्रस्तुत किया। सभी सदस्यों ने दोनों रिपोर्ट पर अपनी सहमति जताई। गढ़वाल सभा के अध्यक्ष राजेंद्र बिंजोला ने बताया कि वर्तमान कार्यकारिणी का कार्यकाल इस माह के अंत में पूर्ण होने जा रहा है। बताया कि नई कार्यकारिणी का चुनाव 23 फरवरी होगा।
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डोईवाला के मुख्य एवं दर्शनीय पर्यटन स्थल।
डोईवाला, उत्तराखंड के देहरादून जिले में स्थित एक शांत और तेजी से विकसित हो रहा शहर है। यह देहरादून शहर के बाहरी इलाके में स्थित है और अपनी प्राकृतिक सुंदरता और शांत वातावरण के लिए जाना जाता है। डोईवाला के मुख्य एवं दर्शनीय पर्यटन स्थल निम्नलिखित हैं:
चंद्रबनी मंदिर (Chandra Bani Temple): डोईवाला के पास स्थित चंद्रबनी मंदिर एक प्राचीन गुफा मंदिर है जो देवी गंगा को समर्पित है। माना जाता है कि यहाँ देवी गंगा कुछ समय के लिए प्रकट हुई थीं। मंदिर के पास एक झरना भी है और यह एक शांत आध्यात्मिक स्थल है।
लच्छीवाला (Lachhiwala): डोईवाला के पास लच्छीवाला एक लोकप्रिय पिकनिक स्पॉट है। यहाँ प्राकृतिक झरने और छोटे तालाब हैं जहाँ लोग नहाने और आराम करने के लिए आते हैं। हरी-भरी वनस्पति और शांत वातावरण इसे एक आकर्षक स्थान बनाते हैं।
फन वैली (Fun Valley): डोईवाला के पास स्थित फन वैली एक मनोरंजन पार्क है जहाँ विभिन्न प्रकार के झूले और वाटर राइड्स का आनंद लिया जा सकता है। यह परिवार और बच्चों के साथ घूमने के लिए एक अच्छी जगह है।
जौली ग्रांट हवाई अड्डा (Jolly Grant Airport): हालांकि यह एक पर्यटन स्थल नहीं है, लेकिन डोईवाला के पास जौली ग्रांट में देहरादून का मुख्य हवाई अड्डा स्थित है। यहाँ से हिमालय की बर्फ से ढकी चोटियों का सुंदर दृश्य दिखाई देता है।
तपोवन: डोईवाला से कुछ दूरी पर तपोवन स्थित है, जो अपने प्राकृतिक सौंदर्य और गंगा नदी के किनारे शांत वातावरण के लिए जाना जाता है। यहाँ कई आश्रम और योग केंद्र भी हैं।
देहरादून की निकटता: डोईवाला देहरादून शहर से ज्यादा दूर नहीं है। पर्यटक डोईवाला में शांति का आनंद लेने के साथ-साथ देहरादून के प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों जैसे रॉबर्स केव, टपकेश्वर मंदिर, सहस्त्रधारा और वन अनुसंधान संस्थान (FRI) का भी आसानी से दौरा कर सकते हैं।
राजाजी राष्ट्रीय उद्यान (Rajaji National Park): डोईवाला के पास राजाजी राष्ट्रीय उद्यान स्थित है, जो वन्यजीव प्रेमियों के लिए एक शानदार जगह है। यहाँ हाथी, बाघ, हिरण और विभिन्न प्रकार की पक्षियों को देखा जा सकता है।
डोईवाला उन लोगों के लिए एक अच्छा विकल्प है जो देहरादून के आसपास शांत वातावरण में रहना चाहते हैं और प्राकृतिक सुंदरता का आनंद लेना चाहते हैं। यह मनोरंजन और आध्यात्मिक शांति दोनों के लिए कुछ विकल्प प्रदान करता है। -
विकासनगर के मुख्य एवं दर्शनीय पर्यटन स्थल।
विकासनगर, उत्तराखंड के देहरादून जिले में स्थित एक शांत और हरा-भरा शहर है। यह यमुना नदी के तट पर बसा हुआ है और अपनी प्राकृतिक सुंदरता और शांत वातावरण के लिए जाना जाता है। विकासनगर और इसके आसपास के मुख्य एवं दर्शनीय पर्यटन स्थल निम्नलिखित हैं:
यमुना नदी: विकासनगर यमुना नदी के किनारे स्थित है। नदी के किनारे टहलना और प्राकृतिक सुंदरता का आनंद लेना एक सुखद अनुभव हो सकता है। कुछ स्थानों पर आप बोटिंग का भी आनंद ले सकते हैं।
हरिपुर कालसी (Haripur Kalsi): विकासनगर के पास कालसी में सम्राट अशोक का शिलालेख स्थित है, जो ऐतिहासिक और पुरातात्विक महत्व का स्थल है। यह शिलालेख ब्राह्मी लिपि में लिखा गया है और प्राचीन भारतीय इतिहास की जानकारी देता है।
पांवटा साहिब: विकासनगर से ज्यादा दूर नहीं, हिमाचल प्रदेश में स्थित पांवटा साहिब सिखों का एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है। यहाँ गुरुद्वारा श्री पांवटा साहिब यमुना नदी के किनारे स्थित है और इसका ऐतिहासिक महत्व है।
ढकरानी और कुल्हाल शक्ति परियोजना: विकासनगर के पास ढकरानी और कुल्हाल में जलविद्युत परियोजनाएं स्थित हैं। इनके आसपास का क्षेत्र शांत और सुंदर है।
आसन बैराज (Asan Barrage): विकासनगर के पास आसन नदी पर बना आसन बैराज एक महत्वपूर्ण वेटलैंड क्षेत्र है। यह प्रवासी पक्षियों के लिए एक स्वर्ग है और बर्ड वाचिंग के शौकीनों के लिए एक शानदार जगह है।
टिहरी बांध (Tehri Dam): विकासनगर से कुछ दूरी पर टिहरी बांध स्थित है, जो भारत का सबसे ऊंचा बांध है। यहाँ विशाल जलाशय और आसपास के मनोरम दृश्य देखने लायक हैं।
देहरादून की निकटता: विकासनगर देहरादून शहर से लगभग 45 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। पर्यटक विकासनगर में शांति का आनंद लेने के साथ-साथ देहरादून के प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों का भी आसानी से दौरा कर सकते हैं।
शांत प्राकृतिक वातावरण: विकासनगर चारों ओर से हरे-भरे खेतों और पहाड़ों से घिरा हुआ है। यहाँ का शांत और प्रदूषण मुक्त वातावरण प्रकृति प्रेमियों को आकर्षित करता है।
विकासनगर मुख्य रूप से एक शांत और प्राकृतिक सुंदरता वाला शहर है। यह ऐतिहासिक और धार्मिक स्थलों के करीब स्थित होने के कारण भी पर्यटकों के लिए एक अच्छा विकल्प हो सकता है, खासकर जो भीड़भाड़ से दूर शांतिपूर्ण वातावरण में घूमना चाहते हैं। -
मंगलोर के मुख्य एवं दर्शनीय पर्यटन स्थल।
मंगलोर, उत्तराखंड के हरिद्वार जिले में स्थित एक ऐतिहासिक शहर है। हालांकि यह एक बड़ा पर्यटन केंद्र नहीं है, लेकिन इसका अपना ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व है। मंगलोर और इसके आसपास के मुख्य एवं दर्शनीय पर्यटन स्थल निम्नलिखित हैं:
पीर कालीयर शरीफ (Peer Kaliyar Sharif): मंगलोर से लगभग 12 किलोमीटर की दूरी पर स्थित पीर कालीयर शरीफ एक प्रसिद्ध सूफी दरगाह है। यह दरगाह हजरत अलाउद्दीन अली अहमद साबिर कलियरी की मजार है और सभी धर्मों के लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण आध्यात्मिक स्थल है। यहाँ हर साल उर्स का आयोजन होता है जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं।
इकबालपुर किला (Iqbalpur Fort): मंगलोर के पास इकबालपुर में एक प्राचीन किला स्थित है। हालांकि किला अब खंडहर में तब्दील हो गया है, लेकिन इसका ऐतिहासिक महत्व है और यह क्षेत्र के अतीत की झलक दिखाता है।
स्थानीय मंदिर: मंगलोर में और इसके आसपास कुछ पुराने स्थानीय मंदिर स्थित हैं जिनका धार्मिक महत्व है। आप स्थानीय लोगों से इनके बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
हरिद्वार की निकटता: मंगलोर हरिद्वार से ज्यादा दूर नहीं है। इसलिए, मंगलोर में रहने के दौरान हरिद्वार के प्रसिद्ध मंदिरों और गंगा घाटों का आसानी से दौरा किया जा सकता है। हरिद्वार में हर की पौड़ी, मनसा देवी मंदिर, चंडी देवी मंदिर जैसे कई दर्शनीय स्थल हैं।
रुड़की की निकटता: मंगलोर रुड़की शहर के भी करीब है। रुड़की में आईआईटी रुड़की (IIT Roorkee) का ऐतिहासिक परिसर और कुछ अन्य शैक्षणिक संस्थान देखे जा सकते हैं।
शांत ग्रामीण वातावरण: मंगलोर और इसके आसपास का क्षेत्र शांत और ग्रामीण परिवेश वाला है। यदि आप शहरी भीड़भाड़ से दूर कुछ समय बिताना चाहते हैं तो यह एक अच्छा विकल्प हो सकता है।
मंगलोर मुख्य रूप से पीर कालीयर शरीफ की दरगाह के लिए जाना जाता है, जो एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है। इसके अलावा, आसपास के ऐतिहासिक स्थल और हरिद्वार एवं रुड़की जैसे शहरों की निकटता इसे कुछ पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बना सकती है, खासकर जो धार्मिक और ऐतिहासिक स्थलों में रुचि रखते हैं। -
सितारगंज के मुख्य एवं दर्शनीय पर्यटन स्थल।
सितारगंज, उत्तराखंड के उधम सिंह नगर जिले में स्थित एक तेजी से विकसित होता औद्योगिक शहर है। हालांकि यह मुख्य रूप से एक औद्योगिक क्षेत्र है, फिर भी इसके आसपास कुछ दर्शनीय और धार्मिक महत्व के स्थान हैं जिनका दौरा किया जा सकता है:
नानकमत्ता साहिब गुरुद्वारा: सितारगंज से लगभग 13 किलोमीटर दूर नानकमत्ता में सिखों का एक प्रसिद्ध और ऐतिहासिक गुरुद्वारा स्थित है। यह गुरुद्वारा सिख धर्म के अनुयायियों के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है और इसकी शांत वातावरण भक्तों को आकर्षित करता है। यह माना जाता है कि गुरु नानक देव जी ने इस स्थान का दौरा किया था। गुरुद्वारे के पास एक सुंदर सरोवर भी है।
नानक सागर बांध: सितारगंज से लगभग 44 किलोमीटर की दूरी पर नानकमत्ता में नानक सागर बांध स्थित है। यह सरयू या देओहा नदी पर बना एक सुंदर जलाशय है। यह एक लोकप्रिय पिकनिक स्पॉट है जहाँ बोटिंग और मछली पकड़ने की सुविधा भी उपलब्ध है।
सुरई इकोटूरिज्म जोन: सितारगंज के पास स्थित सुरई वन क्षेत्र एक शांत और प्राकृतिक जगह है। यहाँ विभिन्न प्रकार के वन्यजीव और वनस्पतियां पाई जाती हैं। यह प्रकृति प्रेमियों और वन्यजीव फोटोग्राफी के लिए एक अच्छा स्थान है।
बालाजी मंदिर: सितारगंज में एक प्रसिद्ध बालाजी मंदिर भी स्थित है, जो स्थानीय लोगों के बीच बहुत लोकप्रिय है।
तिरंगा चौक: सितारगंज के अमरिया चौक का नाम बदलकर तिरंगा चौक कर दिया गया है और यहाँ उत्तराखंड का सबसे ऊँचा तिरंगा भी स्थापित किया गया है। यह एक देशभक्तिपूर्ण स्थल है।
स्थानीय मंदिर: सितारगंज में और इसके आसपास कई अन्य स्थानीय मंदिर भी हैं जिनका धार्मिक महत्व है।
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि सितारगंज मुख्य रूप से एक औद्योगिक शहर के रूप में जाना जाता है, लेकिन इसके आसपास के धार्मिक और प्राकृतिक स्थल इसे कुछ पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनाते हैं, खासकर जो शांत वातावरण और धार्मिक स्थलों में रुचि रखते हैं। -
जसपुर के मुख्य एवं दर्शनीय पर्यटन स्थल।
जसपुर, उत्तराखंड के उधम सिंह नगर जिले में स्थित एक कस्बा है। यह मुख्य रूप से एक कृषि क्षेत्र है और यहाँ बड़े पैमाने पर पर्यटन स्थल नहीं हैं जैसे कि उत्तराखंड के अन्य प्रसिद्ध शहरों में। हालाँकि, जसपुर और इसके आसपास कुछ स्थान हैं जिनका दौरा किया जा सकता है:
गिरी सरोवर: जसपुर के पास स्थित गिरी सरोवर एक सुंदर झील है। यह एक शांत जगह है जहाँ आप प्रकृति का आनंद ले सकते हैं। यहाँ बोटिंग की सुविधा भी उपलब्ध हो सकती है। यह स्थानीय लोगों के बीच एक लोकप्रिय पिकनिक स्पॉट है।
चैती जलाशय: जसपुर के पास चैती में एक जलाशय स्थित है। यह सिंचाई के उद्देश्य से बनाया गया है, लेकिन इसके आसपास का क्षेत्र शांत और हरा-भरा है।
स्थानीय मंदिर: जसपुर में और इसके आसपास कुछ स्थानीय मंदिर स्थित हैं जिनका धार्मिक महत्व है। आप स्थानीय लोगों से इनके बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
ग्रामीण परिवेश: जसपुर मुख्य रूप से एक ग्रामीण क्षेत्र है, इसलिए यहाँ की जीवनशैली और संस्कृति को करीब से देखना एक अलग अनुभव हो सकता है। आप खेतों और स्थानीय बाजारों का दौरा कर सकते हैं।
जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क की निकटता: जसपुर जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क से ज्यादा दूर नहीं है। यदि आप वन्यजीवों और प्रकृति में रुचि रखते हैं, तो आप जसपुर में रहने के दौरान कॉर्बेट नेशनल पार्क की यात्रा की योजना बना सकते हैं। कॉर्बेट में बाघ, हाथी और विभिन्न प्रकार के अन्य जानवर और पक्षी देखे जा सकते हैं।
नैनीताल और अन्य हिल स्टेशनों की अपेक्षाकृत निकटता: जसपुर नैनीताल और अन्य प्रसिद्ध हिल स्टेशनों से भी अपेक्षाकृत करीब है। यदि आपके पास समय है, तो आप इन स्थानों की भी यात्रा कर सकते हैं।
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि जसपुर मुख्य रूप से पर्यटन के लिए विकसित शहर नहीं है, इसलिए यहाँ आपको बहुत अधिक पारंपरिक पर्यटन स्थल नहीं मिलेंगे। हालाँकि, अपनी प्राकृतिक सुंदरता और आसपास के महत्वपूर्ण पर्यटन स्थलों की निकटता के कारण यह कुछ लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र हो सकता है, खासकर जो शांत वातावरण और ग्रामीण जीवनशैली का अनुभव करना चाहते हैं। -
किच्छा के मुख्य एवं दर्शनीय पर्यटन स्थल।
किच्छा, उत्तराखंड के उधम सिंह नगर जिले में स्थित एक तेजी से बढ़ता हुआ औद्योगिक शहर है। यह मुख्य रूप से अपने औद्योगिक इकाइयों और कृषि उपज मंडी के लिए जाना जाता है। किच्छा में और इसके आसपास कुछ दर्शनीय स्थल हैं जिनका दौरा किया जा सकता है:
गिरी सरोवर: किच्छा के पास स्थित गिरी सरोवर एक सुंदर झील है। यह एक शांत जगह है जहाँ आप प्रकृति का आनंद ले सकते हैं। यहाँ बोटिंग की सुविधा भी उपलब्ध हो सकती है। यह स्थानीय लोगों के बीच एक लोकप्रिय पिकनिक स्पॉट है।
नानकमत्ता साहिब गुरुद्वारा: किच्छा से लगभग 30 किलोमीटर दूर नानकमत्ता में सिखों का एक प्रसिद्ध और ऐतिहासिक गुरुद्वारा स्थित है। यह गुरुद्वारा सिख धर्म के अनुयायियों के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है और इसकी शांत वातावरण भक्तों को आकर्षित करता है। यह माना जाता है कि गुरु नानक देव जी ने इस स्थान का दौरा किया था। गुरुद्वारे के पास एक सुंदर सरोवर भी है।
नानक सागर बांध: किच्छा से लगभग 40 किलोमीटर की दूरी पर नानकमत्ता में नानक सागर बांध स्थित है। यह सरयू या देओहा नदी पर बना एक सुंदर जलाशय है। यह एक लोकप्रिय पिकनिक स्पॉट है जहाँ बोटिंग और मछली पकड़ने की सुविधा भी उपलब्ध है।
सुरई इकोटूरिज्म जोन: किच्छा के पास स्थित सुरई वन क्षेत्र एक शांत और प्राकृतिक जगह है। यहाँ विभिन्न प्रकार के वन्यजीव और वनस्पतियां पाई जाती हैं। यह प्रकृति प्रेमियों और वन्यजीव फोटोग्राफी के लिए एक अच्छा स्थान है।
स्थानीय मंदिर: किच्छा में और इसके आसपास कई स्थानीय मंदिर स्थित हैं जिनका धार्मिक महत्व है। आप स्थानीय लोगों से इनके बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
औद्योगिक क्षेत्र: यदि आप औद्योगिक विकास में रुचि रखते हैं, तो किच्छा का औद्योगिक क्षेत्र देखना एक अलग अनुभव हो सकता है। यहाँ विभिन्न प्रकार की औद्योगिक इकाइयाँ स्थापित हैं।
ग्रामीण परिवेश: किच्छा के आसपास का क्षेत्र मुख्य रूप से कृषि प्रधान है। यहाँ के ग्रामीण जीवनशैली और खेतों को देखना एक शांत अनुभव हो सकता है।
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि किच्छा मुख्य रूप से एक औद्योगिक और व्यापारिक शहर के रूप में जाना जाता है, इसलिए यहाँ बहुत अधिक पारंपरिक पर्यटन स्थल नहीं हैं। हालाँकि, आसपास के धार्मिक और प्राकृतिक स्थल इसे कुछ पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनाते हैं, खासकर जो शांत वातावरण और धार्मिक स्थलों में रुचि रखते हैं। -
रामनगर के मुख्य एवं दर्शनीय पर्यटन स्थल।
रामनगर, उत्तराखंड के नैनीताल जिले में स्थित एक महत्वपूर्ण शहर है। यह जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क के प्रवेश द्वार के रूप में विश्वभर में जाना जाता है। रामनगर और इसके आसपास के मुख्य एवं दर्शनीय पर्यटन स्थल निम्नलिखित हैं:
जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क: रामनगर जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क का मुख्य प्रवेश द्वार है। यह भारत का सबसे पुराना राष्ट्रीय उद्यान है और बाघों के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ जंगल सफारी करके विभिन्न प्रकार के वन्यजीवों जैसे बाघ, हाथी, हिरण, तेंदुए और विभिन्न प्रकार की पक्षियों को देखा जा सकता है। कॉर्बेट में ढिकाला, बिजरानी, झिरना और दुर्गादेवी जैसे विभिन्न जोन हैं जिनकी अपनी-अपनी विशेषताएँ हैं।
कॉर्बेट संग्रहालय (Corbett Museum): रामनगर के पास कालाढूंगी में प्रसिद्ध शिकारी और प्रकृतिवादी जिम कॉर्बेट का संग्रहालय स्थित है। यह उनके जीवन और कार्यों को समर्पित है और वन्यजीव संरक्षण के महत्व को दर्शाता है।
सीता बनी मंदिर: रामनगर से लगभग 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित सीता बनी मंदिर का धार्मिक महत्व है। माना जाता है कि वनवास के दौरान सीता माता ने यहाँ कुछ समय बिताया था। मंदिर के आसपास का शांत वातावरण और प्राकृतिक सुंदरता पर्यटकों को आकर्षित करती है।
कोसी नदी: रामनगर कोसी नदी के किनारे बसा हुआ है। नदी का किनारा शांत और सुंदर होता है और यहाँ टहलना और प्रकृति का आनंद लेना एक सुखद अनुभव हो सकता है। कुछ स्थानों पर राफ्टिंग जैसी गतिविधियाँ भी उपलब्ध हैं।
गरजिया देवी मंदिर: रामनगर से लगभग 14 किलोमीटर की दूरी पर कोसी नदी के बीच एक टीले पर स्थित गरजिया देवी मंदिर एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है। यहाँ नवरात्रि के दौरान भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है।
हनुमान धाम: रामनगर में हनुमान जी का एक प्रसिद्ध मंदिर है, जो स्थानीय लोगों के बीच गहरी आस्था का केंद्र है।
** कॉर्बेट फॉल्स:** रामनगर से लगभग 25 किलोमीटर की दूरी पर कॉर्बेट फॉल्स एक सुंदर झरना है। घने जंगल के बीच स्थित यह झरना पिकनिक और प्रकृति प्रेमियों के लिए एक आकर्षक स्थान है। यहाँ तक पहुँचने के लिए कुछ दूरी तक पैदल चलना पड़ता है।
झूला पुल (Suspension Bridge): रामनगर में कोसी नदी पर बना झूला पुल एक आकर्षण है। पुल से नदी और आसपास के दृश्यों का मनोरम नज़ारा दिखाई देता है।
रामनगर मुख्य रूप से जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क के लिए जाना जाता है, लेकिन इसके आसपास कई धार्मिक और प्राकृतिक स्थल भी हैं जो पर्यटकों को विभिन्न प्रकार के अनुभव प्रदान करते हैं। यह वन्यजीव प्रेमियों, प्रकृति प्रेमियों और धार्मिक पर्यटकों के लिए एक महत्वपूर्ण गंतव्य है। -
लैंसडाउन के मुख्य एवं दर्शनीय पर्यटन स्थल।
लैंसडाउन, उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले में स्थित एक शांत और खूबसूरत हिल स्टेशन है। यह अपनी प्राकृतिक सुंदरता, औपनिवेशिक युग की इमारतों और शांत वातावरण के लिए जाना जाता है। लैंसडाउन के मुख्य एवं दर्शनीय पर्यटन स्थल निम्नलिखित हैं:
टिप-इन-टॉप (Tiffin Top) / टेफी टॉप: यह लैंसडाउन का सबसे ऊंचा बिंदु है और यहाँ से हिमालय की बर्फ से ढकी चोटियों जैसे नंदा देवी और त्रिशूल के शानदार दृश्य दिखाई देते हैं। सूर्योदय और सूर्यास्त के समय यहाँ का नज़ारा विशेष रूप से मनमोहक होता है।
सेंट मैरी चर्च (St. Mary’s Church): यह 1895 में बना एक खूबसूरत चर्च है, जिसे अब लैंसडाउन संग्रहालय के रूप में परिवर्तित कर दिया गया है। यहाँ लैंसडाउन के इतिहास और औपनिवेशिक युग से जुड़ी तस्वीरें और कलाकृतियाँ प्रदर्शित हैं।
सेंट जॉन चर्च (St. John’s Church): यह 1936 में बना एक और प्राचीन चर्च है जो अपनी शांत और सुंदर वास्तुकला के लिए जाना जाता है। चर्च के चारों ओर देवदार के ऊँचे पेड़ इसे एक शांतिपूर्ण वातावरण प्रदान करते हैं।
भुल्ला ताल (Bhulla Tal): यह एक कृत्रिम झील है जो लैंसडाउन में गढ़वाल राइफल्स द्वारा बनाई गई है। यहाँ बोटिंग का आनंद लिया जा सकता है और झील के किनारे सुंदर उद्यान और बच्चों के खेलने के लिए पार्क भी हैं।
गढ़वाल राइफल्स रेजिमेंटल वॉर मेमोरियल: यह स्मारक प्रथम विश्व युद्ध के शहीदों की याद में बनाया गया है। यह स्थान भारतीय सेना के इतिहास और बलिदान को दर्शाता है।
परेड ग्राउंड: लैंसडाउन का परेड ग्राउंड एक विशाल खुला क्षेत्र है जो विभिन्न सैन्य और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए उपयोग किया जाता है। इसके चारों ओर हरे-भरे पेड़ और शांत वातावरण है।
हवाघर: यह एक व्यू पॉइंट है जहाँ से हिमालय की घाटियों और आसपास के जंगलों का सुंदर दृश्य दिखाई देता है। यह शांत जगह प्रकृति प्रेमियों के लिए एक अच्छी जगह है।
कालागढ़ वन्यजीव अभयारण्य (Kalagarh Wildlife Sanctuary): लैंसडाउन के पास स्थित यह अभयारण्य विभिन्न प्रकार के वन्यजीवों और वनस्पतियों का घर है। यहाँ बाघ, हाथी, हिरण और विभिन्न प्रकार की पक्षियाँ देखी जा सकती हैं। जंगल सफारी के लिए यह एक अच्छा विकल्प है।
लैंसडाउन उन लोगों के लिए एक आदर्श हिल स्टेशन है जो भीड़भाड़ से दूर शांत और प्राकृतिक वातावरण में समय बिताना चाहते हैं। यहाँ की औपनिवेशिक युग की इमारतें और गढ़वाल राइफल्स का इतिहास इसे एक विशेष पहचान देते हैं। -
जोशीमठ के मुख्य एवं दर्शनीय पर्यटन स्थल।
जोशीमठ, उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित एक महत्वपूर्ण धार्मिक और पर्यटन स्थल है। यह आदि शंकराचार्य द्वारा स्थापित चार मठों में से एक है और बद्रीनाथ तथा हेमकुंड साहिब जैसे प्रसिद्ध तीर्थ स्थलों के लिए एक महत्वपूर्ण पड़ाव है। जोशीमठ के मुख्य एवं दर्शनीय पर्यटन स्थल निम्नलिखित हैं:
ज्योतिर्मठ मठ: यह आदि शंकराचार्य द्वारा स्थापित चार प्रमुख मठों में से एक है और इसका ऐतिहासिक एवं धार्मिक महत्व बहुत अधिक है। मठ में शंकराचार्य की गद्दी और कई प्राचीन मूर्तियाँ हैं।
नरसिंह मंदिर: यह जोशीमठ का मुख्य मंदिर है और भगवान विष्णु के नरसिंह अवतार को समर्पित है। मान्यता है कि इस मंदिर में स्थापित मूर्ति धीरे-धीरे सिकुड़ रही है और जिस दिन यह मूर्ति पूरी तरह से गायब हो जाएगी, बद्रीनाथ के दर्शन दुर्लभ हो जाएंगे।
गरुड़ शिला: नरसिंह मंदिर के पास स्थित यह एक विशाल चट्टान है जिस पर भगवान विष्णु के वाहन गरुड़ की आकृति बनी हुई है। इसका धार्मिक महत्व है।
शंकर गुफा: माना जाता है कि आदि शंकराचार्य ने इसी गुफा में तपस्या की थी। यह एक शांत और पवित्र स्थान है।
तपोवन: जोशीमठ से लगभग 14 किलोमीटर की दूरी पर तपोवन स्थित है, जो अपने गर्म पानी के झरनों के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ प्राकृतिक सुंदरता और आध्यात्मिक शांति का अनुभव किया जा सकता है।
औली: जोशीमठ से लगभग 16 किलोमीटर की दूरी पर औली स्थित है, जो भारत के प्रमुख स्कीइंग स्थलों में से एक है। सर्दियों में यहाँ बर्फ से ढके पहाड़ और स्कीइंग के शौकीनों की भीड़ देखने लायक होती है। रोप-वे द्वारा जोशीमठ से औली तक आसानी से पहुँचा जा सकता है।
विष्णुप्रयाग: जोशीमठ के पास विष्णुप्रयाग अलकनंदा और धौलीगंगा नदियों का संगम स्थल है। यह एक पवित्र स्थान माना जाता है।
भव्य हिमालय के दृश्य: जोशीमठ से नंदा देवी, त्रिशूल और द्रोणागिरी जैसी हिमालय की कई शानदार चोटियों का मनोरम दृश्य दिखाई देता है।
ट्रेकिंग के लिए शुरुआती बिंदु: जोशीमठ कई प्रसिद्ध ट्रेकिंग मार्गों जैसे वैली ऑफ फ्लावर्स (फूलों की घाटी), हेमकुंड साहिब और रूपकुंड के लिए एक महत्वपूर्ण शुरुआती बिंदु है।
जोशीमठ एक महत्वपूर्ण धार्मिक केंद्र होने के साथ-साथ अपनी प्राकृतिक सुंदरता और औली जैसे पर्यटन स्थलों की निकटता के कारण भी पर्यटकों को आकर्षित करता है। यह चार धाम यात्रा करने वाले श्रद्धालुओं और प्रकृति प्रेमियों दोनों के लिए एक महत्वपूर्ण गंतव्य है।