उत्तराखंड। लिव-इन में पंजीकरण न कराने या सूचनाएं गलत होने पर 25 हजार रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। यही नहीं दोषी पाए जाने पर तीन माह की कैद भी हो सकती है।
लिव-इन में रहने वाला जोड़ा यदि उत्तराखंड के बाहर का भी निवासी है तो उसे यूसीसी के तहत पंजीकरण कराना होगा। बशर्ते वह उत्तराखंड में रह रहा हो। यही नहीं, उत्तराखंड के रहने वाले जोड़े यदि प्रदेश के बाहर रह रहे हैं तो उन्हें भी अपने स्थानीय पते के आधार पर पंजीकरण करना होगा।
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