लैंसडाउन के मुख्य एवं दर्शनीय पर्यटन स्थल।

लैंसडाउन, उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले में स्थित एक शांत और खूबसूरत हिल स्टेशन है। यह अपनी प्राकृतिक सुंदरता, औपनिवेशिक युग की इमारतों और शांत वातावरण के लिए जाना जाता है। लैंसडाउन के मुख्य एवं दर्शनीय पर्यटन स्थल निम्नलिखित हैं:

टिप-इन-टॉप (Tiffin Top) / टेफी टॉप: यह लैंसडाउन का सबसे ऊंचा बिंदु है और यहाँ से हिमालय की बर्फ से ढकी चोटियों जैसे नंदा देवी और त्रिशूल के शानदार दृश्य दिखाई देते हैं। सूर्योदय और सूर्यास्त के समय यहाँ का नज़ारा विशेष रूप से मनमोहक होता है।
सेंट मैरी चर्च (St. Mary’s Church): यह 1895 में बना एक खूबसूरत चर्च है, जिसे अब लैंसडाउन संग्रहालय के रूप में परिवर्तित कर दिया गया है। यहाँ लैंसडाउन के इतिहास और औपनिवेशिक युग से जुड़ी तस्वीरें और कलाकृतियाँ प्रदर्शित हैं।
सेंट जॉन चर्च (St. John’s Church): यह 1936 में बना एक और प्राचीन चर्च है जो अपनी शांत और सुंदर वास्तुकला के लिए जाना जाता है। चर्च के चारों ओर देवदार के ऊँचे पेड़ इसे एक शांतिपूर्ण वातावरण प्रदान करते हैं।
भुल्ला ताल (Bhulla Tal): यह एक कृत्रिम झील है जो लैंसडाउन में गढ़वाल राइफल्स द्वारा बनाई गई है। यहाँ बोटिंग का आनंद लिया जा सकता है और झील के किनारे सुंदर उद्यान और बच्चों के खेलने के लिए पार्क भी हैं।
गढ़वाल राइफल्स रेजिमेंटल वॉर मेमोरियल: यह स्मारक प्रथम विश्व युद्ध के शहीदों की याद में बनाया गया है। यह स्थान भारतीय सेना के इतिहास और बलिदान को दर्शाता है।
परेड ग्राउंड: लैंसडाउन का परेड ग्राउंड एक विशाल खुला क्षेत्र है जो विभिन्न सैन्य और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए उपयोग किया जाता है। इसके चारों ओर हरे-भरे पेड़ और शांत वातावरण है।
हवाघर: यह एक व्यू पॉइंट है जहाँ से हिमालय की घाटियों और आसपास के जंगलों का सुंदर दृश्य दिखाई देता है। यह शांत जगह प्रकृति प्रेमियों के लिए एक अच्छी जगह है।
कालागढ़ वन्यजीव अभयारण्य (Kalagarh Wildlife Sanctuary): लैंसडाउन के पास स्थित यह अभयारण्य विभिन्न प्रकार के वन्यजीवों और वनस्पतियों का घर है। यहाँ बाघ, हाथी, हिरण और विभिन्न प्रकार की पक्षियाँ देखी जा सकती हैं। जंगल सफारी के लिए यह एक अच्छा विकल्प है।
लैंसडाउन उन लोगों के लिए एक आदर्श हिल स्टेशन है जो भीड़भाड़ से दूर शांत और प्राकृतिक वातावरण में समय बिताना चाहते हैं। यहाँ की औपनिवेशिक युग की इमारतें और गढ़वाल राइफल्स का इतिहास इसे एक विशेष पहचान देते हैं।

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